परिचय
सैलरी किसी भी कर्मचारी का मौलिक अधिकार होती है। अगर कोई कंपनी आपकी मेहनत की कमाई (वेतन) देने से इनकार कर रही है या उसमें देरी कर रही है, तो यह श्रम कानूनों का उल्लंघन हो सकता है। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि अगर आपकी कंपनी सैलरी न दे तो आपको क्या करना चाहिए और किस तरह के कानूनी विकल्प आपके पास उपलब्ध हैं।
1. पहले कंपनी से बात करें
अगर आपकी सैलरी समय पर नहीं आ रही है, तो सबसे पहले अपने एचआर (HR) डिपार्टमेंट या कंपनी के उच्च अधिकारी से बात करें। कई बार कंपनी में आंतरिक वित्तीय समस्या या प्रशासनिक देरी के कारण सैलरी अटक सकती है।
बात करते समय ध्यान देने योग्य बातें:
- कंपनी को लिखित रूप में (ईमेल या लेटर) सैलरी न मिलने की शिकायत करें।
- कंपनी से यह पूछें कि सैलरी क्यों नहीं दी जा रही और कब तक मिल सकती है।
- अपने द्वारा किए गए कार्यों और उपस्थिति (Attendance) का पूरा रिकॉर्ड रखें।
2. लीगल नोटिस भेजें
अगर बार-बार कहने के बावजूद भी कंपनी वेतन देने से मना कर रही है या कोई ठोस जवाब नहीं दे रही, तो आप लीगल नोटिस भेज सकते हैं।
लीगल नोटिस भेजने की प्रक्रिया:
- किसी अच्छे वकील की सहायता लें।
- कानूनी भाषा में एक उचित नोटिस तैयार कर कंपनी को भेजें।
- इसमें स्पष्ट रूप से बताएं कि आपको कितनी सैलरी मिलनी थी और कितने समय से रुकी हुई है।
- कंपनी को सैलरी चुकाने के लिए एक निश्चित समयसीमा (आमतौर पर 15 दिन) दें।
3. श्रम विभाग (Labour Department) में शिकायत करें
अगर कंपनी नोटिस का जवाब नहीं देती, तो आप श्रम विभाग में शिकायत कर सकते हैं।
श्रम विभाग में शिकायत दर्ज कराने के तरीके:
- ऑनलाइन या ऑफलाइन शिकायत दर्ज करें।
- सभी जरूरी दस्तावेज संलग्न करें, जैसे कि नौकरी का अनुबंध (Employment Agreement), वेतन पर्ची (Salary Slips), बैंक स्टेटमेंट, और कंपनी को भेजे गए ईमेल।
- श्रम अधिकारी कंपनी को नोटिस भेजेगा और मामले की जांच करेगा।
4. कोर्ट में केस दर्ज करें
अगर आपकी शिकायत का समाधान श्रम विभाग में नहीं होता है, तो आप न्यायालय में केस दायर कर सकते हैं।
कहां केस कर सकते हैं?
- अगर आपकी सैलरी ₹18,000 प्रतिमाह से कम है, तो आप लेबर कोर्ट में केस कर सकते हैं।
- अगर आपकी सैलरी ₹18,000 से अधिक है, तो आप सिविल कोर्ट में वसूली का केस दायर कर सकते हैं।
- आप कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत कर सकते हैं, अगर यह सेवा अनुबंध का उल्लंघन करता है।
5. कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराना
अगर कंपनी आपको धोखे से काम पर रखकर वेतन नहीं दे रही है, तो आप IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत FIR दर्ज करा सकते हैं।
6. सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का सहारा लें
अगर कानूनी रास्ते अपनाने के बाद भी कंपनी वेतन नहीं दे रही, तो आप सोशल मीडिया (LinkedIn, Twitter) पर इस मुद्दे को उठा सकते हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें:
- सोशल मीडिया का उपयोग करते समय व्यवसायिक भाषा में ही शिकायत करें।
- कंपनी के खिलाफ गलत या अपमानजनक टिप्पणी करने से बचें।
- Glassdoor और अन्य जॉब पोर्टल्स पर रिव्यू लिखकर दूसरों को सतर्क कर सकते हैं।
7. इस्तीफा देने से पहले सोचें
अगर कंपनी वेतन नहीं दे रही और आप नौकरी छोड़ने का विचार कर रहे हैं, तो पहले अपनी बाकी की बकाया राशि (Pending Dues) को लिखित रूप में मांगें।
निष्कर्ष
अगर आपकी कंपनी वेतन नहीं दे रही है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। अपने कानूनी अधिकारों को जानें और उचित कदम उठाएं। बातचीत से लेकर कानूनी कार्रवाई तक, सभी विकल्पों को समझदारी से अपनाएं। याद रखें, आपकी मेहनत की कमाई आपका हक है!
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