Monday, June 16, 2025
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पैतृक संपत्ति में बहन का अधिकार: यदि भाई या पिता हिस्सा न दें तो कौन सा केस करें?

भारतीय समाज में अक्सर बहनों को पैतृक संपत्ति में उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है। हालांकि, कानून स्पष्ट रूप से बहनों को समान अधिकार देता है। यदि भाई या पिता पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने से इनकार करते हैं, तो बहन को कानूनी कदम उठाने का पूरा अधिकार है। आइए जानते हैं कि ऐसे में बहन कौन-सा केस कर सकती है और उसकी प्रक्रिया क्या है।

1. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत अधिकार

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 में 2005 में एक संशोधन किया गया था, जिसके अनुसार पुत्री (चाहे विवाहित हो या अविवाहित) को भी पैतृक संपत्ति में पुत्र के समान अधिकार दिया गया है।

  • संशोधन के अनुसार:
    • पिता की मृत्यु के बाद पुत्री का संपत्ति पर समान अधिकार है।
    • यदि पिता जीवित हैं, तो भी पुत्री को संपत्ति में समान हिस्सा मिलेगा।

2. जब भाई या पिता हिस्सा देने से मना करें

यदि भाई या पिता बहन को संपत्ति में हिस्सा देने से इनकार करते हैं, तो बहन निम्नलिखित कानूनी विकल्प अपना सकती है:

3. दीवानी मुकदमा (Civil Suit) दायर करें

बहन संपत्ति में अपने अधिकार के लिए दीवानी न्यायालय में केस कर सकती है।

  • क्या करना होगा:
    • एक अनुभवी वकील की मदद से दीवानी मुकदमा दायर करें।
    • संपत्ति के दस्तावेजों को पेश करें।
    • यह साबित करें कि संपत्ति पैतृक है।

4. बंटवारा मुकदमा (Partition Suit)

यदि संपत्ति का अभी तक बंटवारा नहीं हुआ है, तो बहन बंटवारा मुकदमा दायर कर सकती है।

  • इस मुकदमे में:
    • कोर्ट संपत्ति का उचित बंटवारा करेगा।
    • बहन को उसके हिस्से का कानूनी अधिकार दिया जाएगा।

5. इंजेक्शन ऑर्डर (Injunction Order)

यदि भाई या पिता संपत्ति बेचने की कोशिश कर रहे हैं, तो बहन कोर्ट से इंजेक्शन ऑर्डर लेकर संपत्ति की बिक्री पर रोक लगवा सकती है।

6. कानूनी दस्तावेज और साक्ष्य जरूरी हैं

मुकदमे में सफलता के लिए आवश्यक है कि बहन के पास निम्नलिखित दस्तावेज हों:

  • पैतृक संपत्ति के कागजात
  • परिवारिक रिश्ते के प्रमाण
  • संपत्ति पर अपने अधिकार का साक्ष्य

7. मुकदमे की अवधि और न्याय की उम्मीद

  • दीवानी मुकदमे में कुछ वर्षों का समय लग सकता है, लेकिन निष्पक्ष न्याय की पूरी संभावना होती है।
  • कोर्ट बहन को उचित मुआवजा भी दे सकता है यदि यह सिद्ध हो कि उसे जानबूझकर अधिकार से वंचित किया गया है।

निष्कर्ष:

यदि भाई या पिता पैतृक संपत्ति में बहन को हिस्सा नहीं देते हैं, तो बहन को घबराने की जरूरत नहीं है। भारत का कानून हर नागरिक को समान अधिकार देता है। सही कानूनी सलाह और उचित दस्तावेजों के साथ बहन अपने अधिकार के लिए आवाज उठा सकती है। ExpertVakil.in पर ऐसे ही कानूनी मुद्दों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त करें।

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