Thursday, July 31, 2025
spot_img
HomeFeatureक्या 20 साल से अधिक किराए पर रहने के बाद किरायेदार मालिक...

क्या 20 साल से अधिक किराए पर रहने के बाद किरायेदार मालिक बन जाता है? | कब किरायेदार बनता है मालिक?

भारत में संपत्ति से संबंधित कानून जटिल और विस्तृत हैं। एक आम प्रश्न जो अक्सर सामने आता है वह यह है कि क्या एक किरायेदार, जो 20 या उससे अधिक वर्षों से किसी संपत्ति में रह रहा है, उस संपत्ति का मालिक बन सकता है? इस प्रश्न का उत्तर समझने के लिए हमें भारत के कानून और न्यायालयों के निर्णयों को समझना होगा।

कानूनी दृष्टिकोण से समझें

भारत में संपत्ति स्वामित्व (Ownership) और कब्जे (Possession) के बीच एक स्पष्ट अंतर है। एक किरायेदार का संपत्ति पर कब्जा होता है, लेकिन स्वामित्व नहीं। केवल लंबे समय तक किराए पर रहने से कोई स्वामित्व का अधिकार प्राप्त नहीं होता है।

द लिमिटेशन एक्ट, 1963

इस संदर्भ में द लिमिटेशन एक्ट, 1963 की धारा 27 महत्वपूर्ण है, जो कहती है कि यदि कोई व्यक्ति बिना मालिक की अनुमति के 12 वर्षों तक लगातार संपत्ति पर कब्जा बनाए रखता है, तो वह “विवादित कब्जा” (Adverse Possession) के आधार पर स्वामित्व का दावा कर सकता है। हालांकि, किरायेदार के मामले में यह लागू नहीं होता क्योंकि किरायेदार की संपत्ति पर कब्जा मालिक की अनुमति से होता है।

कब किरायेदार बन सकता है मालिक?

  1. एडवर्स पजेशन (Adverse Possession): यदि किरायेदार यह साबित कर दे कि उसने मालिक की अनुमति के बिना संपत्ति पर 12 वर्षों से अधिक समय तक कब्जा किया है और इस दौरान मालिक ने कोई आपत्ति नहीं की, तो किरायेदार स्वामित्व का दावा कर सकता है।
  2. मालिक की सहमति से: यदि मालिक संपत्ति को किरायेदार को बेचता है या गिफ्ट करता है, तभी किरायेदार मालिक बन सकता है।
  3. कानूनी अनुबंध (Legal Agreement): यदि कोई अनुबंध यह स्पष्ट करता है कि एक निश्चित अवधि के बाद किरायेदार को संपत्ति का स्वामित्व मिलेगा, तो उस स्थिति में किरायेदार मालिक बन सकता है।

न्यायालय के निर्णय

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी कई मामलों में यह स्पष्ट किया है कि केवल लंबे समय तक किराए पर रहने से स्वामित्व का अधिकार नहीं मिलता। किरायेदार को स्वामित्व का अधिकार तभी मिलेगा जब वह एडवर्स पजेशन को कानूनी रूप से साबित कर सके या कोई वैध अनुबंध मौजूद हो।

निष्कर्ष

20 साल या उससे अधिक समय तक किराए पर रहने से कोई किरायेदार संपत्ति का मालिक नहीं बनता है। एडवर्स पजेशन के सिद्धांत को साबित करना एक जटिल और कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें उचित सबूतों की आवश्यकता होती है। यदि आप एक किरायेदार हैं और स्वामित्व का दावा करना चाहते हैं, तो एक विशेषज्ञ वकील से परामर्श करना आवश्यक है।

ExpertVakil.in पर हम संपत्ति विवादों और कानूनी सलाह में विशेषज्ञता रखते हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Contact Us

    spot_img

    Most Popular

    Recent Comments